लेखनी प्रतियोगिता -07-May-2023
तुम वहाँ अश्क़ बहा रही हो!
मैं यहां बेचैन हो रहा हूँ!
क्या दिन दिखा रही ज़िंदगी!
जिसे पास चाहा उसे ही खो रहा हूँ!
दुनिया सिर्फ मेरा हँसता चेहरा देखती है!
जब तुम सीने से लगाओगी,तब पता चलेगा भीतर से कितना रो रहा हूँ!
उससे बस एक मुलाकात हो जाये यारों।
यार बोले उठ जा , दिन में भी सो रहा हूँ।
अब ज़िन्दगी तुझे, मुझसे कितना दूर के जायेगी!
जितनी दूर जा रही तुम , उतना सुकूँन खो रहा हूँ!
#Abhiwrites ❣
Punam verma
08-May-2023 08:12 AM
Very nice
Reply
Shashank मणि Yadava 'सनम'
08-May-2023 07:44 AM
सुन्दर सृजन
Reply
Abhinav ji
08-May-2023 07:05 AM
Very nice 👍
Reply